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प्रणय पंथ के राही

एक नया इतिहास लिखें।
चूड़ी कंगन बिछुड़ी पायल से निकला संगीत लिखें।
मेंहदी सेंदुर लाली माहुर का अनुपम सा गीत लिखें।।
जूडें का गजरा कजरे से आंखों वाली प्रीत लिखें।
दमक रही माथे पर दमदम बिंदी उसे पुनीत लिखें।।
और नासिका पर नथुनी की शोभा को कुछ खाश लिखें।
प्रणय पंथ के राही मिलकर एक नया इतिहास लिखें।।

शिख पर स्वर्ण कलश सा सुंदर शोभित होता है टीका।
कर्णफूल कोमल कानों को और बनाते हैं नीका।।
बाली डाली है मतवाली जैसे दीप जले घी का।
चेहरे की चंचलता से चंदा भी हो जाए फीका।।
और कोमल कपोल कुदरत की कृपा भरा उल्लास लिखें।
प्रणय पंथ के राही मिलकर एक नया इतिहास लिखें।।

हार  नवलखा  हीरे  बाला, ग्रीवा  पर  दमके  ऐंसे।
सूरज की किरणें हिमगिरि पर पड़ कर दमक रहीं जैसे।।
आभूषण  के  नाम  न  जानें  पहने  हैं   कैसे कैसे।
रूप  मोहिनी  रोम रोम  में  रोचकता के गुण वैसे।।
रूप मैनका और रम्भा से भी लगता खाश लिखें।
प्रणय पंथ के राही मिलकर एक नया इतिहास लिखें।।
रचनाकार
भरत सिंह रावत भोपाल
7999473420
9993685955


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2 Comments

Fiza Tanvi

17-Nov-2021 09:09 PM

Nice

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Swati chourasia

17-Nov-2021 08:04 PM

Very beautiful 👌

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